Makar Sankranti 2024: मकर संक्रांति सूर्योपासना का मौसमी त्योहार माना जाता है। जब सूर्य मकर राशि से होकर उत्तरायण होता है तो संक्रांति का त्योहार मनाया जाता है जो इस साल 15 जनवरी 2024 को है। सूर्य ही एकमात्र ऐसे प्रत्यक्ष देवता हैं जो निरंतर सक्रिय रहते हैं और पृथ्वीवासियों का भरण-पोषण करते हैं।
सूर्य के उत्तरायण होने पर देवी-देवताओं के दिन शुरू हो जाते हैं, ऐसे में मकर संक्रांति पर 14 विशेष कार्य करने से धन लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं, जीवन का अंधकार दूर होता है और कभी न खत्म होने वाले पुण्य की प्राप्ति होती है।
मकर संक्रांति पर करें काम
अगर आप मां लक्ष्मी की आपार कृपा पाना चाहते हैं, तो मकर संक्रांति के शुभ मौके पर यहा बताएं गए कार्यों को जरूर से करें। ये कार्य आपके जीवन में शुख, संपत्ति और धन भरेंगे
गाय को हरा चारा खिलाएं- गाय में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास होता है. मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर गाय को हरा चारा खिलाएं, माना जाता है कि इससे सौभाग्य में वृद्धि होती है।
नदी स्नान – शास्त्रों में कहा गया है कि मकर संक्रांति के दिन ही गंगा जी का धरती पर अवतरण हुआ था। इस दिन गंगा स्नान करने या गंगा जल में काले तिल डालने से हजारों गुना पुण्य मिलता है। इस दिन गंगासागर में मेला भी लगता है।
तिल से हवन के लाभ – षट्कर्म में काले तिल और लक्ष्मी कर्म में सफेद तिल का प्रयोग करने से शीघ्र आर्थिक लाभ होता है। मकर संक्रांति के दिन गाय के घी में सफेद तिल मिलाकर मां लक्ष्मी या श्री सूक्त का हवन करने से घर में मां लक्ष्मी का वास रहता है।
पतंग उड़ाने का महत्व – तमिल की तन्नाना रामायण के अनुसार पतंग उड़ाने की परंपरा भगवान श्री राम ने शुरू की थी। मकर संक्रांति के दिन भगवान श्रीराम ने जो पतंग उड़ाई थी वह पतंग इंद्रलोक तक पहुंच गई थी। यही कारण है कि इस दिन पतंगें उड़ाई जाती हैं। पतंग उड़ाने के पीछे का उद्देश्य सूरज की रोशनी में समय बिताना है। वैज्ञानिक दृष्टि से मकर संक्रांति पर सूर्य की किरणें अमृत के समान होती हैं।
तिल और गुड़ का सेवन- तिल को दरिद्रता दूर करने वाला कहा गया है। मकर संक्रांति पर कड़ाके की ठंड होती है, ऐसे में तिल और गुड़ का सेवन करने से शरीर को ऊर्जा मिलती है और व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है।
दान – मकर संक्रांति पर काले तिल, सफेद तिल, गुड़ और सुहाग सामग्री का दान करने से दुर्भाग्य दूर होता है। दरिद्रता दूर होती है।
खिचड़ी का प्रसाद- मकर संक्रांति पर चावल, दाल, सब्जी, गुड़ और घी से बनी खिचड़ी विशेष रूप से चढ़ाई जाती है। मान्यता है कि इसके सेवन और दान से नौ ग्रह प्रसन्न रहते हैं।
पितृ तर्पण- मकर संक्रांति पर पितरों को प्रसन्न करने के लिए तर्पण करने की परंपरा है। इससे घर में खुशहाली आती है। साथ ही ऐसा करने से वंश बढ़ता है।
नया काम- मकर संक्रांति के दिन नया काम शुरू करना शुभ होता है। ऐसा माना जाता है कि भाग्य सूर्य की तरह चमकता है, नए निवेश, नया व्यवसाय, नई नौकरी शुरू करने से समृद्धि आती है।
शनिदेव – सूर्य पूजा – मकर संक्रांति सूर्य-शनि (पिता-पुत्र) के मिलन का दिन है। कुंडली में ये दोनों ही ग्रह विशेष माने गए हैं। इस दिन सूर्य की पूजा करने से करियर में लाभ मिलता है जबकि शनि की पूजा करने से परेशानियां दूर होती हैं।
अनाज की पूजा- मकर संक्रांति का त्योहार नई फसल के आगमन की खुशी में मनाया जाता है. ऐसे में इस दिन खेती और मवेशियों से जुड़े सभी उपकरणों की पूजा करनी चाहिए और भगवान इंद्र और सूर्य के प्रति आभार व्यक्त करना चाहिए। इससे पूरे वर्ष धन-धान्य की कमी नहीं होती।
इस विधि से करें लक्ष्मी पूजा –
मकर संक्रांति के दिन स्नान के बाद 14 कौड़ियों को गंगा जल से स्नान कराकर पूजा करें। ‘ॐ संक्रत्याय नमः’ मंत्र का 14 बार जाप करें। पूजा के दौरान मुख्य द्वार पर तुलसी के पास घी का दीपक और तिल के तेल का दीपक रखें। इससे लक्ष्मी आकर्षित होती हैं।
मनवांछित फल देगा मंत्र – मकर संक्रांति पर मनवांछित फल पाने के लिए इस मंत्र का 108 बार जाप करें। ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांचित फलं देहि देहि स्वाहा। झाड़ू खरीदें- मकर संक्रांति पर झाड़ू खरीदने से मां लक्ष्मी प्रसन्न रहती हैं।