Pure Kanjivaram Saree: मार्केट में अगर जाए तो हमें बहुत सारी धोखाधड़ी देखने को मिलती है दुकानदार ठगी करने के मामले में सबसे आगे होते हैं वहीं महिलाओं की शॉपिंग की बात करें तो महिलाएं भी दुकानदार की ठगी की शिकार हो जाती हैं। आज इस आर्टिकल में हम आपको कांजीवरम साड़ी में असली और नकली की पहचान करने के बारे में बताएंगे। अगर आप कांजीवरम की साड़ी Pure Kanjivaram Saree खरीदने वाली है तो आपको कांजीवरम के फैब्रिक का पता होना चाहिए तभी आप असली और नकली की पहचान कर पाएंगे। कांजीवरम की साड़ी आपके लुक को रॉयल बना देती है ऐसे में जरूरी है कि आप अपनी वॉर्डरोब में कांजीवरम की असली साड़ी को शामिल करें। बाजार में कई बार ऐसा होता है की महंगी चीज का डुप्लीकेट आसानी से मिल जाता है जब मामला कांजीवरम साड़ी का हो तो ऐसा बहुत होता है।
इस तरह करें असली और नकली की पहचान
धागे की पहचान
कांजीवरम साड़ी बनाने के लिए असली रेशम के धागों का उपयोग किया जाता है। रेशम के धागों की बनावट दानेदार होती है। आप इसे छूकर असली और नकली साड़ी में अंतर बता सकते हैं। दरअसल, जब आप नकली कांजीवरम साड़ी के धागे को रगड़ेंगे तो उससे धीमी आवाज आएगी, लेकिन असली कांजीवरम साड़ी रेशम के धागों से बनी होने के कारण इसमें कोई आवाज नहीं आती है। असली कांजीवरम साड़ी लाल रंग के रेशमी धागों से बनाई जाती है। जबकि नकली साड़ी के लिए सफेद रंग के धागे का इस्तेमाल किया जाता है.
क्वालिटी
असली कांजीवरम साड़ियाँ शुद्ध रेशम से बनाई जाती हैं जो दिखने में चिकनी और मुलायम होती हैं। इसके फैब्रिक की पहचान करने के लिए आप इस पर हाथ चलाकर इसे महसूस कर सकते हैं। असली कांजीवरम साड़ी में आपको एक प्राकृतिक निशानी देखने को मिलेगी जो नकली साड़ी में नहीं होती। असली और नकली की पहचान करने के लिए साड़ी को रोशनी में जांचें। अगर साड़ी असली वर्क की है तो उसमें भारी काम होने के बाद भी साड़ी हल्की रहेगी।
जड़ी का काम
कांजीवरम साड़ियाँ अपने भारी काम के लिए पसंद की जाती हैं। इन साड़ियों में मैटेलिक धागे का इस्तेमाल किया जाता है। असली जरी का एक हॉलमार्क निशान भी बना होता है जिससे आप असली और नकली की पहचान कर सकते हैं। असली कांजीवरम साड़ी में डिटेलिंग होती है जो इस साड़ी को खास बनाती है। सीधे शब्दों में कहें तो असली कांजीवरम साड़ी में मुगल प्रेरित डिजाइन हैं और आप इस साड़ी को कितना भी धो लें, इसकी चमक कभी कम नहीं होती।