आजकल की जीवनशैली काफी आधुनिक और तेज है। लोग मुलायम गद्दों पर सोना पसंद करते हैं। ज्यादातर लोग अपने बिस्तर पर सबसे मोटे गद्दे का इस्तेमाल करते हैं। जमीन पर सोना अब पुराने ज़माने के लोगों की बात हो गई है। आजकल लोग अपने बिस्तर के साथ किसी भी तरह का समझौता करने को तैयार नहीं होते हैं। ऑफिस की थकान के बाद इंसान को लगता है कि वह किसी तरह घर पहुंच जाए और चैन की नींद ले ले। कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो इतना आराम करने के बावजूद भी पीठ और कमर दर्द से परेशान रहते हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अगर आपके शरीर में किसी भी तरह का मामूली दर्द है तो आपको फर्श पर सोना शुरू कर देना चाहिए। एक हफ्ते के अंदर ही आपको इससे इतना फायदा मिलेगा कि आप यकीन भी नहीं कर पाएंगे। भले ही शुरुआत में आपको सोने में कोई आराम नहीं मिलेगा लेकिन बाद में आपको इससे कई फायदे मिलेंगे।
जमीन पर सोने का सही तरीका क्या है?
सबसे पहले एक पतली चटाई या कालीन लें। अगर आपको असुविधा हो रही है तो चटाई पर पतला गद्दा बिछा लें। इससे हड्डियों का एलाइनमेंट सही रहता है।
अगर आपकी पीठ में तेज दर्द है तो जमीन पर सोते समय अपनी पीठ के बल सोएं। इससे रीढ़ की हड्डी को काफी आराम मिलेगा।
जब आप फर्श पर सोने की आदत बना लें तो पतला तकिया ही इस्तेमाल करें। यह आपकी आदत भी बन जाएगी और बिना तकिये के सोने से सांस लेने में होने वाली परेशानी भी दूर हो जाएगी।
फर्श पर सोने के लिए मुलायम गद्दे का प्रयोग न करें क्योंकि इससे आपके शरीर में दर्द हो सकता है।
जमीन पर सोने के अनोखे फायदे
रीढ़ की हड्डी ठीक रहेगी
फर्श पर सोने से रीढ़ की हड्डी में दर्द और जकड़न कम होती है। जब आप मुलायम गद्दे पर सोते हैं तो आपकी रीढ़ की हड्डी सख्त हो जाती है। जिसका सीधा असर दिमाग पर पड़ता है। रीढ़ की हड्डी केंद्रीय तंत्रिका तंत्र से जुड़ी रहती है। इसका सीधा कनेक्शन दिमाग से है।
मांसपेशियों को आराम मिलता है
फर्श पर सोने से कंधे और कूल्हे के दर्द से काफी राहत मिलती है। इससे पीठ दर्द, कंधे और गर्दन के दर्द से राहत मिलती है।
पीठ दर्द से राहत
जो लोग फर्श पर सोते हैं उनका पोश्चर बेहतर होता है और पीठ दर्द कम होता है।
शरीर का तापमान कम हो जाता है
जमीन पर सोने से शरीर का तापमान कम हो जाता है। बिस्तर पर सोने से शरीर में गर्मी बढ़ती है। जिससे शरीर का तापमान बढ़ने लगता है।
ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहता है
फर्श पर सोने से ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है। जिससे मांसपेशियों को आराम मिलता है और तनाव कम होता है।