Baby Sleeping Problem: मां बनने के बाद महिलाओं को जो बात सबसे ज्यादा परेशान करती है वो है बच्चे का रात-रात भर जागना। क्योंकि बच्चे के साथ मां को भी जागना पड़ता है। जन्म के बाद लगभग 6 महीने तक आपके बच्चे की नींद का पैटर्न अलग-अलग हो सकता है; संभव है कि हर हफ्ते उनके सोने का तरीका बदल जाए। ऐसा माना जाता है कि 6 महीने तक के बच्चों का रात में बार-बार जागना सामान्य बात है। इस उम्र में बच्चों को ठीक से नींद नहीं आती।
6 महीने तक के बच्चे का नींद चक्र बहुत छोटा होता है। इस दौरान बच्चे 30 से 50 मिनट तक सोने के बाद उठते हैं। ये बिल्कुल सामान्य है। लेकिन अगर 1 साल की उम्र में भी बच्चों की नींद कम हो जाती है या वे रात को सोते समय बार-बार उठ जाते हैं, तो इसके पीछे ये कारण हो सकते हैं।
भूख के कारण
पर्याप्त पोषण न मिलने या बच्चे का पेट ठीक से न भरने के कारण बच्चों को बार-बार भूख लग सकती है। जिसके कारण बच्चे नींद के बीच में बार-बार उठ सकते हैं।
पेट की समस्या के कारण
पेट दर्द के कारण बच्चों को सोने में परेशानी हो सकती है या सोते समय बार-बार उठना पड़ सकता है। कई बार ऐसा होता है बच्चो के पेट में गैस या अन्य कोई पाचन सम्बन्धी समस्याओं के कारण रात में सोने में परेशानी होती है।
दाँत निकलने का समय
दांत निकलने पर बच्चों को रात में सोने में भी परेशानी हो सकती है। क्योंकि दांत निकालते समय बच्चे को दर्द, दस्त और बुखार जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। जिसके कारण बच्चे की नींद प्रभावित होती है।
नींद का पैटर्न सही ना होना
नींद का पैटर्न सही न होने के कारण यानी बच्चे के सोने और जागने का शेड्यूल एक ही समय पर न होने के कारण बच्चा सोते समय बार-बार उठ सकता है। इसलिए हर माता-पिता को अपने बच्चे के सोने के तरीके का ध्यान रखना चाहिए।
साइलेंट रिफ्लक्स के कारण
साइलेंट रिफ्लक्स के कारण बच्चे को नींद की समस्या भी हो सकती है। बच्चों में हिचकी और डकार जैसी समस्याएँ साइलेंट रिफ्लक्स के लक्षण हैं। इससे बच्चे रात को सोते समय बार-बार उठ सकते हैं। यदि बच्चों में साइलेंट रिफ्लक्स के लक्षण दिखाई दें तो आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
जैसे-जैसे बच्चा धीरे-धीरे बड़ा होता है, उसके सोने और जागने का समय सामान्य होने लगता है। लेकिन अगर बच्चा 1 साल का होने के बाद भी रात में बार-बार उठता है तो इन बातों पर जरूर ध्यान दें और बच्चे के सोने के शेड्यूल पर भी ध्यान दें। गंभीर समस्या होने पर हेल्थ एक्सपर्ट से सलाह लें।