Oral Health: ओरल हेल्थ न केवल दांतों और मसूड़ों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है बल्कि इसका सामान्य स्वास्थ्य पर भी प्रभाव पड़ता है। WHO की रिपोर्ट के मुताबिक, देश के करीब 95 फीसदी युवाओं को दांतों से जुड़ी कोई न कोई समस्या जरूर है। जीवनशैली की गलतियों के कारण बुजुर्गों के लिए भी अपने दांतों की उचित देखभाल करना मुश्किल हो जाता है।
वैसे भी ओरल हेल्थ को लेकर हमने कई मिथक बना रखे हैं। ये ऐसे मिथक हैं जो हमारी सेहत पर बुरा असर डाल सकते हैं। अगर आप भी ओरल हेल्थ से जुड़े मिथकों पर यकीन करते हैं तो आइए हम आपको यहां उनकी सच्चाई के बारे में बताते हैं। इन मिथकों को जानने के बाद आप ओरल हेल्थ का बेहतर ख्याल रख पाएंगे।
मिथकः माउथ वॉश फायदेमंद
आपने टीवी पर कई कमर्शियल विज्ञापन देखे होंगे, जिनमें दिखाया जाता है कि माउथवॉश ओरल हेल्थ के लिए बहुत फायदेमंद है। माउथवॉश में क्लोरहेक्सिडिन ग्लूकोनेट होता है, जो एंटी-माइक्रोबियल के रूप में काम करता है। शोध के मुताबिक, लंबे समय तक इनका इस्तेमाल करने से दांतों पर दाग पड़ जाते हैं।
मिथक इलेक्ट्रिक ब्रश से सफाई
हाल के दिनों में इलेक्ट्रिक ब्रश का चलन काफी देखा गया है। इसका फायदा यह है कि आपको पता चल जाएगा कि कितनी देर तक ब्रश करना है। लेकिन ये सभी काम साधारण ब्रश से भी किए जा सकते हैं।
मिथक: ज़्यादा टूथपेस्ट
कुछ लोगों का मानना है कि ज्यादा टूथपेस्ट लगाने से दांत साफ रहते हैं। लेकिन ये भी एक मिथक है। बेहतर होगा कि आप टूथपेस्ट सामान्य मात्रा में ही लगाएं और इस्तेमाल करें।
मिथक: दो मिनट का ब्रश
ज्यादातर लोगों का मानना है कि दो मिनट तक ब्रश करना चाहिए। लेकिन ब्रश करने का सही तरीका होना जरूरी है। दांतों की ऊपरी परत पर 45 डिग्री का कोण बनाकर उसे साफ करें।